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बुधवार, 1 जुलाई 2020

ख़ुशी पाने का एक साधन है करुणा II Compassion is a means to attain happiness

Manoj kumar

ख़ुशी पाने का एक साधन है करुणा

करुणा आपको यह समझने में मदद करती है कि दूसरे क्या महसूस कर रहे हैं. साथी ही आपको दूसरों की मदद करने और अपने दुखों को दूर करने के लिए भी भी प्रेरित करती है. इसलिए हमें अपने अंदर करुणा और दया भाव को बढ़ावा देना चाहिए. ये कुछ तरीके हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं......
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खुश कैसे रहे

अपने जीवन में करुणा क्यों विकसित करें? इस पर हुए वैज्ञानिक अध्ययन सुझाव देते हैं कि करुणा का अभ्यास करने से शरीर में तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कार्टिसोल का उत्पद्न२३ फीसदी कम हो जाता है, वहीँ उम्र बढ़ने  की प्रक्रिया को धीमा करने वाले हार्मोन का उत्पादन सौ फीसदी बढ़ जाता है. करुणा आपको दूसरों से जोड़ती ही नहीं है, बल्कि आपकी ख़ुशी को बढ़ाने का भी काम करती है. इसलिए आप अपने जीवन में करुणा और दया भाव को आने दें.
1. हमेशा चीजों को अच्छे या बुरे के रूप में लेबल करने के बजाय उन्हें महसूस करने पर ध्यान केन्द्रित करें. जब आप दूसरों को आंकना बंद करेंगे, तो आप खुद ही अधिक दयावान बन जाते हैं. जरूरी नहीं कि आपके आसपास के लोग आपकी उम्मीद पर रख उतरें. ऐसे में खुद को यह याद दिलाते रहना ठीक होगा कि हर कोई अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहा है, जिसमें आप खुद भी शामिल हैं. अगर आप खुद को जज करते रहेंगे, तो संभव है आप हमेशा दूसरों को भी जज करते रहेंगे. तो पहले खुद पर यह अभ्यास करें. धीरे-धीरे आप दूसरों के प्रति भी अधिक दयावान बन जाएगी.
2. दूसरों को सुनने का भी अभ्यास करें. जब आप दूसरों को सुनने के लिए समय निकालते है, तो आप उस व्यक्ति से उसी भावना से जुड़ते है, जो हम सभी में मौजूद है. आप खुद को दूसरे व्यक्ति में देखते हैं. इस तरह जब आप करुणा के लिए अपना दिल खोलते हैं, तो उपचार के लिए स्वयँ एक जरिया भी बन जाते हैं.
3. रोजाना माइंडफुलनेस का अभ्यास करें. जब आप लोगों के आसपास हो, तब वहाँ मौजूद रहने की कोशिश करें. उनके साथ संवाद करते हैं, तो लोगों की आँखों में देखें. इससे आपको उन्हें बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी. जब आप एकाग्रता और फोकस के साथ किसी व्यक्ति को गैर से देखेंगे, तो आपको उनके हाव-भाव, उनके शब्दों में गहराई नजर आएगी. कई चीजें महसूस होंगी, जो वे व्यक्ति भी नहीं कर सकते हैं. इससे आप समझ पाएँगे कि वे क्या महसूस कर रहें हैं. आप उनकी जरूरतों के लिए अपना दिल खोलेंगे और उनकी मदद करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगी.
 जब आप दूसरों के साथ विनम्रता और मधुरता से बात करते हैं, तो आप स्वतः ही उनके अंतर्मन से जुड़ कर उनसे नाता जोड़ लेते हैं. इसलिए करुणा को विकसित करने के लिए आपके अंदर विनम्रता का साथ होना भी जरूरी है. किसी की मदद करने से पहले हमेशा अपने आप से पूछें कि अगर उनकी जगह पर होते, तो आप किसी से क्या उम्मीद करते है.
फिर जो कुछ भी आपकी क्षमता में है, उसे निस्वार्थ भाव से करने की कोशिश करें. दयालुता के छोटे-छोटे काम भी आपको दयालु बनाने में के लंबा रास्ता तय करेंगे. दूसरी चीज, जो हमें और दयावान बनाएगी वह है क्षमा. अगर आपको यह मुश्किल लगता है, तो कम से कम एक मजूबत इरादा बनाइए कि आप क्षमा करेंगे और क्षमा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जब आप ऐसा करेंगे, तो आपको दूसरों को माफ़ करने की ताकत मिलेगी. 
4.  ‘हेलो! आप कैसे हैं?’ दूसरों से मिलने के इन सामान्य तरीकों से हम सभी परिचित हैं. आइए अब हम दूसरों से मानसिक रूप से बातचीत करने का एक नया तरीका अपनाएं-एक गहरी साँस लें और अपनी बातचीत शुरू करने से पहले या उस व्यक्ति के बारे में सोचते हुए, मानसिक रूप से दोहराए, ‘मैंआपके सुख की दुआ करता हैं.’ जब आप हर किसी को आशीर्वाद देने की आदत में पड़ जाते हैं, तो आप हमेशा सच्चाई को पहचान पाएंगे. आपके पूर्वाग्रह या पहले से बनी धारणाएँ आपके विचारों या कार्यों को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं रहेंगी और करुणा भाव उपजेगा.

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