nt, festivals, yoga, benefits of foods, homemade remedies, songs, story" /> कश्मीरी नून चाय II Kashmiri Noon Tea II kashmiri noon chay kaise banati hai II kashmiri noon chay II नून चाय, कुछ तो बात होगी II kashmiri noon chai II kashmiri noon chai online II कश्मीरी नून चाय के फायदे ~ life style health gyan

गुरुवार, 16 जुलाई 2020

कश्मीरी नून चाय II Kashmiri Noon Tea II kashmiri noon chay kaise banati hai II kashmiri noon chay II नून चाय, कुछ तो बात होगी II kashmiri noon chai II kashmiri noon chai online II कश्मीरी नून चाय के फायदे

Manoj kumar


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नून चाय बादाम-पिस्ता से सजी कश्मीर की खास गुलाबी चाय. देखने में जितनी सुन्दर, स्वाद में भी उतनी ही बेजोड़. कश्मीर की यह प्रारंपरिक चाय है, जिसकी अपनी एक खास पहचान भी बन चुकी है. नून चाय से जुड़ी कुछ खास बातें...

noon chai

                                                कश्मीरी नून चाय के फायदे 

गर्माहट और मिठास से भरपूर ‘नून चाय’ (noon chai recipe) को कहीं आप दोपहर यानी आफ्टरनून की चाय तो नहीं समझ रहे हैं. अगर ऐसा है, तो आपको बता दूँ कि यहाँ ‘नून’ का मतलब नामक से है, क्योंकि यहाँ नमक को नून कहा जाता है. इसे स्पेशल चाय को कश्मीरी आमतौर पर सुबह या दोपहर में नान की रोटी के साथ पीते हैं. इस चाय को शीर चाय के नाम से भी जाना जाता है. तैयार चाय को बड़े समोवर (एक जगनुमा बर्तन) में परोसा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति कश्मीर घाटी में हुई थी. हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इसे तुर्किस्तान के यारकंद से आया हुआ मानते हैं, जहाँ ‘एक्टन’ नमक चाय की चर्चा हैं, जिसमें नमक, दूध और क्रीम का इस्तेमाल किया जाता था. माना जाता है कि ये चाय बनाने की यह विधि भी वहीँ से आई हो.

इस चाय में सेहत है, कश्मीरी नून चाय के फायदे (Benefits of kashmiri nun tea)  kashmiri noon chay ke fayade, kashmiri noon chai benefits


इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ केस रिपोर्ट्स एण्ड इमेजेज के एक अध्ययन के अनुसार, यह चाय लोगों को सर्दियों में गर्माहट देती है, और इसमें मौजूद सोडा पाचन में फायदेमंद है. इलायची और सोडा से गैस की जलन में आराम मिलता है. वहीँ इसे तनाव और चिंता को कम करने के लिए भी जाना जाता है.

कॉफी कैसे तैयार होती है (How to make Kashmiri Noon Tea) kashmiri noon chay kaise banati hai

गुलाबी चाय कश्मीर घाटी में पैदा होने वाली विशेष पत्तियोंफूल’ से बनाई जाती है. चाय बनाने के लिए इन पत्तियों को अच्छे से उबाला जाता है. जब चाय उबल जाती है, तो उसमें सोडा मिला दिया जाता है. इसी वजह से इसका स्वाद नमकीन होता है. उबलने पर चाय का पानी गहरे लाल रंग में बदल जाता है. और जब इसमें दूध मिलाया जाता है, तो इसका रंग हल्का गुलाबी हो जाता है. इस चाय को बनाते समय इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि फूल (पत्तियाँ) निर्धारित मात्रा से ज्यादा न हो पाएं. अन्यथा इसका स्वाद तीखा भी हो सकता है. आप भी इसे अपने तरीके से बना सकते हैं. एक पैन में दो कप पानी, इलायची, हरी चाय की पत्तियां, नमक, सोडा, दालचीनी, चक्र फूल डालें और इसे उबालें. एक दो उबाल आने के बाद दूध डालें और उबलने दें.  चीनी मिलाएं और इसे छान लें. वैसे नून चाय में पारंपरिक तौर पर शक्कर नहीं मिलाते, स्वाद के लिए लोग चीनी भी मिलाने लगे हैं. इसके बाद कटे हुए पिस्ता डाल कर सर्व किया जाता है. यह नून चाय दिल्ली में (noon chai in delhi) भी मिलती है. 


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