Manoj kumar
प्राणायाम है सबसे लाभकारी
सांस से जुड़े व्यायाम योग के न सिर्फ सबसे आसान
व्यायाम हैं, बल्कि इम्यूनिटी को बढ़ावा देने और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार
करने में सबसे प्रभावी भी. प्राणायाम के लिए आप पालथी बनाकर बैठें. दोनों हाथों को
घुटने पर सीधा रखें और लंबी और गहरी सांसें लें. साँस लेते वक्त रीढ़ की हड्डी को
सीधा रखें और सांस छोड़ते वक्त ढीला छोड़े. इस प्रक्रिया को कम-से-कम दस बार
दोहराएं. आप साँस से जुड़े अन्य व्यायाम जैसे भ्रमरी, भस्त्रिका और कपालभांति भी कर
सकती हैं. नियमित रूप से ओम का उच्चारण करने से भी लाभ महसूस होगा.
मत्य्सासन का चमत्कार :
यह पीठ के बल लेटकर किया जाने वाला योगासन है.यह
गले और थाइराइड के लिए बहुत अच्छा है. इससे पेट की चर्बी कम होती है और कमर के
दर्द में भी राहत मिलती है. यह आसन शरीर को दिताक्सिफाई करके ऊर्जा के स्तर को
बढाता है. पद्मासन में बैठें. धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें और पूरी तरह से पीठ के
बल लेट जाएं. बाएँ पाँव को दाएं हाथ से और दाएं पाँव को बाएँ हाथ से पकड़े.
कोहनियों को जमीन पर टीका रहने दें. घुटने जमीन से सटे होने चाहिए. अब साँस लेते
हुए अपने सिर को पीछे की ओर ले जाएँ. धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें. हर दिन इसे चार
से पाँच चक्र करें.
प्रभावकारी है भुजंगासन :
भुजंगासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएं. हाथों
को सिर के दोनों तरफ रखें और माथे को जमीन से टीकाएँ. इस दौरान अपने पैरों को तना
हुआ और इनके बीच थोड़ी दूरी रखें. अब अपनी
हथेलियों को अपने कन्धों के बराबर में लाएं. फिर लंबी गहरी साँस भरते हुए हाथों से
जमीन की ओर दबाव डालते हुए, नाभि तक शरीर को ऊपर उठाने का प्रयास करें. इस पोजीशन
में रहकर आसमान की ओर देखने की कोशिश करें और इस पोजीशन में कुछ देर ठहरें. इस
दौरान अपने शरीर का भार दोनों हाथों पर बराबर बनाएं रखें और सामान्य रूप से साँस
लेते रहें. अब धीरे-धीरे साँस को छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं.
पूरे शरीर का व्यायाम :
शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने के लिए और
शरीर को मजबूत बनाने के लिए साँस से जुड़े आसन, कंधे से जुड़े आसन छाती से जुड़े आसन
यानी प्राणायाम और कमर से जुड़े आसन नियमित रूप से करने जरूरी हैं. जिसमें ताड़ासन,
कटि चक्रासन, वज्रासन, मत्स्यासन, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, धनुरासन
आदि शामिल हैं. शुरुआत में सूर्य नमस्कार और प्राणायाम ही नियमित रूप से करें.
शुरुआत दो चक्र से करें.
ध्यान देने योग्य बातें :
फायदों के लिए नियमित और लंबे समय तक योग करना
होगा.
किसी भी आसन को जोर जबर्दस्ती या ताकत से नहीं
करें
सभी आसनों को करते वक्त आपकी साँस की गति सामान्य
रहे. विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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