Manoj kumar
घर की सेहत से जुड़ी है आपकी ख़ुशी
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प्राकृतिक रौशनी में है :
ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में प्राकृतिक रोशनी
यानी सूर्य का प्रकाश नहीं जाता, वहाँ डॉ. जाता है. तो अगर आप घर में रहते हुए
उर्जावान महसूस करना चाहते हैं, तो सुबह-सुबह खिड़कियों को खोल दें, ताकि घर में
ज्यादा से ज्यादा सूर्य की किरणें प्रवेश कर सकें. शोधों में सूर्य की रोशनी को
प्राकृतिक कीटाणुनाशक के रूप में जाना जाता है. यह आपके घर में पनपने वाले
कीटाणुओं को मारने का काम करती है. तो इसे नेचुरल एंटीसेप्टिक रोशनी को घर में आने
दें. वेलनेस आर्किटेक्चर श्रेयबिस स्मिथ कहते हैं, ‘अपने घर में सूरज की रोशनी को
आने देने का मतलब है अपनी सेहत को बढ़ाना. इसलिए हम घरों में खिड़कियों को इस तरह
बनाते हैं कि सभी कोनों में दिन के उजाले का प्रवेश हो, क्योंकि यही रोशनी आँखों
की सेहत के साथ स्वस्थ हार्मोन उत्पादन में भी मदद करती है.’
ताजा हवा घर में बैठने दें:
शोध बताते हैं कि घर के अंदर की हवा बाहरी हवा की
तुलना में अधिक प्रदूषित होती है. इसलिए अपने घर को डीटैक्सिफाई करना जरूरी है. रोजाना सुबह-सुबह खिड़की खोल दें, ताकि अंदर
की दूषित हवा की निकासी हो. इंटीरियर डिजाइनर लिंच-स्पार्क्स हवा से विषाक्त
पदार्थों को दूर करने के लिए स्नेक प्लांट और एलोवेरा लगाने की सलाह देते हैं.
इसलिए घर से बाहर खोलें जूते :
जूतों को घर से बाहर खोलना, सिर्फ कीटाणुओं को
बाहर रखने के लिए अच्छा नहीं है, बल्कि यह आपके घर को सुरक्षित रखने में भी मदद कर
सकता है. ह्यूस्टन यूनिर्वसिटी शोधकर्ताओं का मानना है कि बाहर से आने वालेजूते में मौजूद जर्म्स
दस्त और पेट में ऐंठन का कारण हो सकते हैं. इसलिए 36% अमेरिकी अपने जूते घर से
बाहर ही निकाल देते हैं, क्योंकि वे जूते के साथ अंदर आने वाले विषाक्त पदार्थों
के बारे में जानते हैं.
कैसा है प्राकृतिक परिवेश :
अपना स्वास्थ्य चाहते है, तो उसे जगह में सुधार
करना शुरू कर दें. जहाँ आप रहते हैं. अध्ययन बताते हैं कि एक स्वच्छ और स्वस्थ
वातावरण तनाव कम करता है और जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण लाता है. अगर आप अपने
मूड को ठीक रखना चाहते हैं, तो घर में प्रकृति का एहसास कराने वाले साज-सज्जा को
प्राथमिकता दें. envronmental हेल्थ सर्विस की असोसिएट डायरेक्ट डॉ. रेबेक ब्रुहल
मानती हैं कि जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए घर और परिवेश को सही रखना
जरूरी है, जैसे कि हरियाली को जगह देना.
घर में लाए रोशनी की ख़ुशी :
जब बात मुड को ठीक करने को हो, तो घर के अंदर की
लाईट यानी रोशनी भी आपके लिए जादू का काम कर सकती है. यदि आपको चिंता और डिप्रेशन
की समस्या है, तो बेहतर होने के लिए कमरे में हीलिंग वाली लाईट्स की व्यवस्था
करें, जैसे हिमालयन साल्ट लैंप्स. इसके भीतर एक बल्ब जलता है, जिससे निकलने वाली
गुलाबी रोशनी मूड को बेहतर बनाने का काम करती है.
अपनी तकनीक को सीमित करें:
घर में इलेक्ट्रानिक गैजेट्स के इस्तेमाल को लेकर
आपको कुछ सीमाएँ बनानी होंगी है, क्योंकि इससे निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक
तरंगे हमारे स्वास्थ्य लिए नुकसानदेह हैं. इसके प्रभाव को कम करने के लिए जहाँ आप
काम करते हैं, उस कमरे में क्रिस्टल की चीजें रखें. इंटीरियल वेलनेस डिजाइनर
सोफिया गुशी इसके लिए क्रिस्टल, पौधे आदि रखने की बात करती हैं, क्योंकि ये
विद्दुत चुम्बकीय क्षेत्र को बेहतर करने का काम करते हैं.
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