Manoj kumar
जामुन में हैं ढेरों गुण
फाइबर और ढेर सारे पोषक तत्वों से भरपूर
जामुन में हैं बहुत स्वास्थ्यप्रद गुण....
इन दिनों पेड़ों पर काले-काले जामुन जी
ललचा रहे हैं. यह फल जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही सेहत के लिहाज से फायदेमंद
भी होता है. जामुन खाने से ब्लड शुगर घटता है और इन्सुलिन की मात्रा नियंत्रित
रहती है. यही कारण है कि मात्रा नियंत्रित रहती है. यही कारण है कि डायबीटीज के
साथ जी रहे लोगों को जामुन खाने की सलाह दी जाती है
बात अगर इसके गुणों की करें तो जामुन में
कैल्शियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं. इसके अलावा विटामिन और फाइबर भी
भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.
जामुन पाचनशक्ति बढ़ाता है और इससे एसिडिटी
समेत पेट से संबंधित विकार कम होते हैं. जामुन में कैंसर रोधी गुण भी पाए जाते
हैं. जामुन पाचनशक्ति बढाता है और इससे एसिडिटी समेट पेट से संबंधित विकार कम होती
हैं. जामुन में कैंसररोधी गुण भी पाए जाते हैं. कीमोथेरेपी और रेडीएशन थेरेपी के
बाद जामुन खाना फायदेमंद होता है. जामुन खाने से पथरी की समस्या से निजात मिलती
है. इसके लिए जामुन की गुठली के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खाना चाहिए. जामुन के
सेवन से लीवर की बीमारी दूर होती है. मुँह में छाले होने पर जामुन के रस का प्रयोग
करने से बहुत जल्दी आराम मिलता है. दस्त होने पर जामुन के रस को सेंधा नमक के साथ
मिलाकर खाने से दस्त बन्द हो जाता है.
मुंहासे होने पर जामुन की गुठलियों को
सुखाकर इसके पाउडर को गाय के दूध में मिलाकर सोने से पहले चेहरे पर लगाएं और सुबह
ठंडे पानी से धो लें. तीन से चार सप्ताह तक इस लेप के प्रयोग से मुंहासे गायब हो
जाते हैं. आवाज को मधुर बनाने के लिए भी जामुन का काढ़ा बहुत फायदेमन्द होता है.
जामुन की छाल को बारीक पीसकर नियमित मंजन करने से दांत मजबूत और रोगरहित होते हैं.
मधुमेह के उपचार के लिए जामुन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है. मधुमेह के रोगी
जामुन की गुठलियों को सुखाकर, पीसकर उनका सेवन करें. इससे शुगर का स्तर सामान्य
रहता है. हालांकि जामुन में ग्लूकोज और फ्रक्टोज पाया जाता है, मगर फाइबर होने के
कारण यह बहुत धीरे-धीरे खून में घुलता है, इसलिए डायबीटीज के मरीज चिकित्सक से
सलाह लेकर इसे खा सकते हैं.
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