nt, festivals, yoga, benefits of foods, homemade remedies, songs, story" /> योग से जोड़ें प्रतिरोधक क्षमता के तार II क्या आप जानते हैं इससे क्या-क्या फायदे हैं ~ life style health gyan

गुरुवार, 18 जून 2020

योग से जोड़ें प्रतिरोधक क्षमता के तार II क्या आप जानते हैं इससे क्या-क्या फायदे हैं

Manoj kumar

योग से जोड़ें प्रतिरोधक क्षमता के तार

कोरोना सक्रमण से बचाने के लिए संयमित जीवनशैली के साथ ही योग भी महत्वपूर्ण माना गया है. प्रख्यात योग गुरु बाबा रामदेव के अनुसार सात्विक जीवन पद्धति व योग के संयोग से हम ऐसी तमाम चुनौतियों से निपटने की ऊर्जा हासिल कर सकते हैं………
योग से जोड़ें प्रतिरोधक क्षमता के तार, immunity power ofyoga
योग आसन से लाभ

दुनिया को भारत का तोहफा है योग. आज जब वैश्विक महामारी के रूप में कोरोना संक्रमण अपना आतंक मचाए हुए है तो ऐसे में योग एक बार फिर मददगार साबित हुआ. हर किसी ने माना कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता ही सबसे महत्वपूर्ण है. वहीँ चहुओर फैले भयाक्रांत माहौल में भी मानसिक तौर पर मजबूत रहने की बात हो रही है. शारीरिक व मानसिक, दोनों ही प्रकार की मजबूती हासिल करने में योग और प्राणायाम की भूमिका हर कोई स्वीकार रहा है. योग व सात्विक जीवन पद्धति अपनाकर ही हम इन चुनौतियों से निपटने की ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित कर सकते हैं.

योग से करें दिन शूरू :

रक्तचाप, तनाव, मधुमेह, हृदय रोग जैसे जीवन शैली आधारित बीमारियों से लगभग हर कोई परेशान है. उस पर चिंताजनक बात यह रही कि कोरोना वायरस का संक्रमण उन लोगों के लिए गंभीर ख़तरा है, जो उपरोक्त में से किसी भी बीमारी से ग्रस्त हैं. ऐसे में प्राणायाम और आसनों के जरिए इन सभी तकलीफों से बचा जा सकता है. अच्छी बात यह है कि इन क्रियाओं को रोकने में समय भी अधिक नहीं लगता. आप चाहे कितने भी व्यस्त रहें लेकिन दिनचर्या में से रोज सुबह शान्त, शीतल और स्वच्छ वायु वाले वातावरण में कम से कम दस मिनट का समय तो निकाल ही सकते हैं. यह न सिर्फ कोरोना  संक्रमण, बल्कि अन्य रोगों के प्रभाव से भी मुक्ति दिला देगा. इसमें प्राणायाम सबसे अधिक लाभकारी है. नियमित योगासन करने से शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं की वृद्धि होती है. इन्हीं की वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

मानसिक सबलता में सहायक :

कोरोना काल में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आत्मबल की मजबूती भी बेहद जरुरी है. ऐसे में मानसिक शान्ति के लिहाज से ध्यान और प्राणायाम अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित होते हैं. इससे हमें चार प्रकार का बल यानी शारीरिक बल, मनोबल, प्राणबल और आत्मबल मिलता है. ये चारों बल जब शरीर में बेहतर तरीके से विकसित होते हैं तो इसी को इम्युनिटी कहते हैं.

खानपान का अहम योगदान :

शारीरिक व मानसिक क्षमता के साथ ही भोजन का भी बड़ा महत्व होता है. भोजन हमेशा शुद्ध, सात्विक और ताजा लेना ही श्रेयस्कर रहता है. जितना हो सके, मांसाहार से परहेज करें. आयुर्वेद में भी शाकाहार के कई लाभ बताएं गए हैं. मौसम के हिसाब से आहार का चुनाव करें. इसके अलावा तुलसी, गिलोय और काली मिर्च का काढ़ा बनाकर दिन में तीन से चार बार लेना चाहिए. इससे शरीर की इम्युनिटी मजबूत होती है.

5 प्राणायाम देंगे मजबूती :

पाँच तरह के प्राणायाम से हम शरीर के हर भाग को मजबूत बना सकते हैं. ये पाँच प्राणायाम हैं जैसे : भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और उज्जायी. नियमित रूप से इनका अभ्यास करने से हम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं. इनके अलावा सूर्य नमस्कार व ध्यान भी बेहद प्रभावशाली हैं. सूर्य नमस्कार जहाँ हमारे शरीर, इन्द्रियों, विचारों और भावनाओं में संवेदना का संचार करता है, वहीं ध्यान हमारी आत्मशक्ति बढ़ाकर तनाव दूर करता है.
Ø भस्त्रिका : पाचन तंत्र, हृदय, फेफड़ों और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के साथ ही पित्त और कफ को भी संतुलित रखता है. 
Ø कपालभाति : शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखने में सहायक है. 
Ø अनुलोमविलोम : हृदय रोगियों के लिए विशेष तौर पर फायदेमंद होता है. 
Ø भ्रामरी : तनाव से मुक्त रखने में सहायक होता है. 
Ø उज्जायी : माइग्रेन और अवसाद से निजात दिलाता है.
 

5 तरह के विशेष आसन :

ü पवनमुक्तासन : वायु विकास और कब्ज को दूर करने में बेहद प्रभावी होता है. 
ü उष्ट्रासन : पाचन तंत्र, अमाशय और आंतों में खिंचाव पैदा करता है. इससे जठराग्नि प्रदीप्त होकर भूख बढ़ाती है. कमर दर्द के रोगी भी इसे आसानी कर सकते हैं. 
ü पाश्चिमोत्तानासन : यकृत (लीवर), आगनाश्य और अधिवृक्क ग्रंथियों सहित पूरे उदर व श्रोणी प्रदेश को पुष्ट बनाता है. 
ü मुंडूकासन : पैंक्रियाज से इन्सुलिन रिलीज करने में सहायता देता है. इम्युनिटी बढ़ाता है. मधुमेह, कोलाइटिस जैसी तकलीफों में फायदेमंद होता है. 
ü उत्तानपादासन : हाजमें को दूरुस्त रखने के साथ ही तंत्रिका तंत्र को भी मजबूत बनाता है.


0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

अधिक जानकारी के लिए कृपया टिप्पणी/कमेन्ट करें.....