Manoj kumar
प्यार से करे बच्चों से बात
अनलॉक-1 की पाबंदियों में छोटे बच्चे घरों
में हैं. ऐसे में माहौल के हिसाब से उनके सवालों और शरारतों के हिसाब से उनके
सवालों और शरारतों को सही ढंग से संभालना है आपकी जिम्मेदारी........
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children |
कोरोना संक्रमण में जारी गाइडलाईन के चलते अनलॉक-1
में भी छोटे बच्चे घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. घर में रहने के कारण बच्चों का
शारीरिक गतिविधि में भाग न लेना और मोबाईल या टीवी की स्क्रीन से चिपककर समय
बिताना पैरेंट्स के लिए नई चुनौती बनता जा रहा है. एक्सपर्ट मानते हैं कि इस दौर
में आप असरदार ढंग से बातचीत कर बच्चों पर गहरा असर डाल सकते हैं. कुछ ऐसी बातें
हैं, उनसे कभी नहीं कहनी चाहिए.
जाहिर करे दुलार:
बच्चों से ‘आई लव यू’ कहने से कभी मत हिचकिचाइए.
इन तीन जादुई शब्दों का असर कभी गलत नहीं हो सकता है. बच्चों से प्यार आपके कामों
से भी झलकना चाहिए. बच्चों के साथ समय बिताइए. उनके साथ बातचीत कीजिए. यह मत कहिए,
‘ओह, तुमने तो मुझे पागल कर दिया है.’
गलतियों से सबक लेना सिखाएँ :
बच्चों को ‘न’ कहने की जगह कहिए, ‘चलो इस काम को
इस तरीके से कहते हैं.’ अगर बच्चा कुछ गलत करता है तो ‘तुम बड़े शरारती हो’ या ‘हर
समय कोई न कोई चीज ख़राब करते रहते हो’, बिल्कुल मत बोलिए. इसकी जगह आप कह सकते
हैं, ‘हर कोई गलती कर सकता है. कोई भी परफेक्ट नहीं होता है.’
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बच्चे |
माफ़ी मांगने में न झिझकें :
बच्चों की शरारतों पर हमारा कई बार गुस्से पर कोई
कंट्रोल नहीं रहता. हम उन्हें बुरी तरह से डांट-फटकार देते हैं. जिससे उन पर गलत
असर पड़ता है. अगर आपको लगता है कि अपने कुछ गलत किया है तो आपकी माफ़ी मांगना उन पर
अच्छा असर डालेगा. इसी तरह किसी मुसीबत के समय बच्चे से कहना, ‘सब कुछ ठीक हो
जाएगा, यह तो किसी के साथ भी हो सकता है’, बच्चों में हालात से मुकाबले करने की
हिम्मत पैदा करता है और उनके मन में यह विश्वास पैदा होता है और उनके मन में यह
विश्वास पैदा होता है कि संभलने के भी मौके होते हैं.
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