Manoj kumar
प्रतिरक्षा प्रणाली को लेकर ना हो परेशान
कोरोना वायरस से होने वाली मौतों में बड़ी संख्या
ऐसे लोगों की हैं, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली क्षमता कमजोर हो गई है. ऐसे में
कोरोना से लड़ने की हमारी कोशिशें कई बार प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने पर टिक
जाती हैं. हालांकि प्रतिरक्षा प्रणाली बेहद जटिल है और इसे लेकर कई तरह के भ्रम
हैं, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए...
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शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली |
जटिल प्रतिरक्षा प्रणाली :
यह आम धारणा है कि प्रतिरक्षा प्रणाली वो है जिसे हम आसानी से पभावित
कर सकते हैं. हालांकि उस वक्त संदेह होता है जब हमें पता चलता है कि यह कितना जटिल
काम है. प्रतिरक्षा प्रणाली में सैकड़ों विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं, जो
कई तरह के काम करती है चाहे वह रोगाणुओं की पहचान करनी हो या उन्हें नष्ट करना हो.
प्ररिरक्षा प्रणाली के दो भाग :
विस्तृत रूप से देखें तो प्रतिरक्षा प्रणाली के मुख्यतः दो भाग होते
हैं. पहला सहज प्रतिक्रिया और दूसरा अर्जित प्रतिक्रिया. सहज प्रतिक्रिया रोगाणुओं
को बाहर निकालने के जरिए समस्या पर अपनी प्रतिक्रिया देता है. जिसके कारण हमें
बुखार और बेचैनी महसूस हो सकती है. अर्जित प्रतिक्रिया में रोगाणुओं से लड़ने के लिए
उन सेल्स की पहचान की जाती है. इसके बाद इन सेल्स को लड़ने के लिए भेजा जाता है.
शोधकर्ताओं का आकलन :
ग्लास्गो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इनमे से कुछ सेल्स को देखने
के लिए लेजर माइक्रोस्कोपी का उपयोग कर रहे हैं. प्रतिरक्षा प्रणाली के काम से पता
चलता है कि वास्तव में यह प्रतिक्रिया कितनी जटिल और एकीकृत है. हमारे पूरे शरीर
में हर समय विभिन्न प्रकार के सेल एक-दूसरे से बात कर रहे हैं और अभी भी एक बड़ा
हिस्सा है जिसकी विविध पारस्परिक क्रियाओं को हम नहीं समझ सकते हैं.
जैविक उत्पाद :
जैविक उत्पादों में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे पेट के
स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले होते हैं. अतीत में इन उत्पादों को प्रतिरक्षा
प्रणाली में सुधार लाने वाला माना गया था, लेकिन यूरोपीय खाद्द सुरक्षा प्राधिकरण
ने फैसला किया है कि वे वैज्ञानिक सबूतों की कमी के कारण प्रतिरक्षा में सुधार
करने का दावा नहीं कर सकते. फ़िलहाल आँतों के माइक्रोबायोम पर शोध जारी है, उम्मीद
है कि हम इस बार में ज्यादा बेहतर ढंग से समझ पाएंगे कि हमारी आंतों के बैक्टीरिया
प्रतिरक्षा प्रणाली को कैसे प्रभावित कर सकते हैं.
विटामिन, मिनरल्स और हर्बल की आपूर्ति :
हमें अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वास्थ रखने के लिए विटामिन और
मिनरल्स की आवश्यकता होती है. जिन लोगों में विटामिन डी या विटामिन सी की कमी होती
हैं, उन्हें इसे पूरक के रूप में लेने की आवश्यकता हो सकती हैं. हालाँकि, भोजन से
विटामिन और मिनरल्स अच्छी मात्रा में पाए जा सकते हैं, इसलिए यदि हम पोषक भोजन ले
रहे हैं तो संभावना है कि हमें वह पोषण मिल रहा है, जिसकी हमें आवश्यकता है. हम
सुझाव देने के लिए कोई सबूत नहीं है कि विटामिन के स्तर को और अधिक बढ़ाने से यह
बीमारियों से लड़ने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा देगा.
संतुलन का महत्व:
प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने पर ध्यान देने के बजाय अधिक उपयोग
दृष्टिकोण सन्तुलन बनाना हो सकता है. क्योंकि एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वह है
जो संतुलित है. हम प्रतिरक्षा प्रणाली के बारे में असामान्य निष्क्रिय से असामान्य
सक्रिय तक के पैमाने के बारे में सोच सकते हैं. हम जानते हैं कि प्रतिरक्षा
प्रणाली हमारी सेल्स को ही लक्ष्य बनाना शुरू कर सकती है. संक्रमण से होने वाली
गंभीर बीमारियां अक्सर शक्तिशाली प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण होती है.
ये करना चाहिए :
प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के बारे में सोचने के बजाय हमें
स्वस्थ और संतुलित रखने के बारे में सोचना चाहिए. जब यह निर्णय लेना हो कि
प्रतिरक्षा प्रणाली की मदद के लिए उत्पादों को खरीदना हैं, तो हमें निश्चित संदेह
बनाए रखना चाहिए. विटामिन और मिनरल्स उस स्थिति में मदद कर सकते हैं जब आप किसी
विशिष्ट चीज में कमी कर रहे हैं. लेकिन यदि आप एक स्वस्थ संतुलित आहार ग्रहण कर
रहे हैं और नियमित रूप से व्यायाम कर रहे हैं तो आप प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर
रखने के लिए पर्याप्त कर रहे हैं.
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