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बुधवार, 24 जून 2020

मलेरिया (malaria) क्या है? उसके रामबाण 14 आसान उपलब्ध घरेलू उपचार

Manoj kumar

मलेरिया (malaria)

मलेरिया बुखार सर्दी लेकर आता है और पसीना देकर उतर जाता है. यह मच्छरों के काटने से होता है. मलेरिया के बाद कुछ दिन चावल नहीं खाने चाहिए.
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                     मलेरिया रोग


मलेरिया से बचने या उससे निजात पाने के तरीके :

1              नींबू –
a.   मलेरिया में नमक, काली मिर्च, नींबू में भरकर गर्म करके चूसने से बुखार की गर्मी दूर हो जाती है. यह दो बार नित्य करें. 
b.   दो नींबू का रस नीबू के छिलकों सहित 500 ग्राम पानी में मिलाकर पिलाने से चार दिन में मलेरिया आना बंद हो जाता है. 
c.    पानी में नींबू निचोड़ कर स्वाद के अनुसार शक्कर मिलाकर पिलाने से चार दिन में मलेरिया आना बंद हो जाता है. यदि कुनेन खाने से कानों में सांय-सांय की आवाज हो तो यह भी इससे ठीक हो जाता है. कुनेन के साथ नींबू और दूध अधिक प्रयोग करना चाहिए. 
2              नारंगी – दो नारंगी के छिलके दो कप पानी में उबालें. आधा पानी रहने पर छनकर गर्म-गर्म पीयें. 
3              सेब – ज्वर में सेब खाने से ज्वर जल्दी ठीक हो जाता है. मलेरिया में ज्वर आने के पहले सेब खाने से ज्वर आने के समय, ज्वर नहीं आता. 
4              अमरूद – मलेरिया में अमरूद लाभदायक है. मलेरिया के रोगी को अमरूद खिलाना चाहिए. 
5              जीरा – एक चम्मच जीरा बिना सेका हुआ. पीस लें. इसका तीन गुना गुड़ इसमें मिलाकर इसकी तीन गोलियाँ बना लें. निश्चित समय पर सर्दी लग कर आने वाला मलेरिया के बुखार के आने से पहले एक घंटे से एक-एक गोली खायें. 
6              धनिया – धनिया और सौंठ दोनों पिसे हुए समान मात्रा में मिलाकर नित्य तीन बार पानी से फँकी लें. बुखार इससे ठीक हो जाता है. 
7              पीपल – तीन पीपल पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से श्वास, खाँसी के साथ ज्वर, मलेरिया ठीक हो जाता है. 
8              छाछ – छाछ पीने से हर चौथे दिन आने वाला मलेरिया ठीक होता है.
9              लहसुन – आदि मलेरिया नित्य निश्चित समय पर आता हो तो लहसुन का रस पैरों के नाखूनों पर बुखार आने से पहले लेप कारें तथा एक चम्मच लहसुन का रस, एक चम्मच तिल के तेल मिलाकर जब तक बुखार न आये, एक-एक घंटे में 10-10 बूंद जीभ पर डाल कर चूसें. इस तरह चार दिन लगातार लेने से मलेरिया ठीक हो जाता है. 
10    फिटकरी – एक ग्राम फिटकरी, दो ग्राम चीनी में मिलाकर मलेरिया आने से पहले दो-दो घंटे से दो बारे दें. मलेरिया नहीं आयेगा और आयेगा तो कम. फिर दूसरी बार भी जब मलेरिया आने वाला हो तो इस प्रकार से दें. रोगी को कब्ज नहीं होनी चाहिए. यदि कब्ज हो तो पहले कब्ज दूर करें.  
11    हरी मिर्च – एक हरी मिर्च के बीज निकाल कर बीज रहित खोल को मलेरिया आने के दो घंटे पहले अंगूठे में पहना कर बाँध दें. इसी तरह दो-तीन बार बांधे रखें, फिर खोल दें. 
12    नमक a.     सेंधा नमक एक भाग, देशी चीनी (बुरा) चार भाग- ये दोनों मिलाकर बारीक पीस लें. आधा चम्मच नित्य तीन बार गरम पानी से लेने से मलेरिया बुखार आना बंद हो जाता है. 
b.     पाँच चम्मच – नित्य खाने में काम आने वाला नमक तवे पर ऐसा सेकें, भूनें कि नमक भूरे रंग का  हो जाय. इस नमक की एक चम्मच के गिलास गर्म पानी में मिलाकर एक बार नित्य मलेरिया आने से पहले पीयें. मलेरिया ज्वर के रहते नहीं पीयें. 
13    तुलसी – तुलसी के सेवन से सभी प्रकार के ज्वरों में लाभ होता है. नित्य तुसली के पत्ते खाने से मलेरिया नहीं आता है. यदि मलेरिया हो जाये तो बुखार उतरने पर 22 तुलसी के पत्ते और 20 पीसी हुई काली मिर्च दो कप पानी में चाय की तरह उबालें. चौथाई पानी रहने पर मिश्री मिलाकर ठण्डा करके पी लें. यदि यह संभव नहीं हो तो तुलसी के पत्ते और काली मिर्च चबा सकते हैं. 
14. नीम60 ग्राम नीम के हरे पत्ते,चार काली मिर्च – ये दोनों पीस कर 125 ग्राम पानी में छानकर पी लें. मलेरिया ठीक हो जाता है. यह विश्वसनीय नुस्खा है. 

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