nt, festivals, yoga, benefits of foods, homemade remedies, songs, story" /> अनलॉक-1 में खुद को बचाते हुए कैसे आगे बढ़ना है और संक्रमण से बचे रहना है कैसे? ~ life style health gyan

बुधवार, 17 जून 2020

अनलॉक-1 में खुद को बचाते हुए कैसे आगे बढ़ना है और संक्रमण से बचे रहना है कैसे?

Manoj kumar

अनलॉक-1 में खुद को बचाते हुए बढ़ना है आगे


अनलॉक-1 में जनता को काफी छूटे दी गई हैं, लेकिन कोरोना के संक्रमण का खतरा भी बरकरार है. इससे बचने के लिए शारीरिक दूरी पौष्टिक आहार और स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है. अगर हम बचाव के सामान्य उपायों को गंभीरता से लें तो निश्चित ही संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे.......
अनलॉक-1 में खुद को बचाते हुए बढ़ना है कैसे आगे बढ़ना है आगे और संक्रमण से बचे रहना है कैसे?, corona virus
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कोविड-19 के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अनलाक-1 लागू होने के बाद से यह खतरा बढ़ गया है. ऐसे में संक्रमण को लेकर तनाव में आने से बचे. इस वक्त सरकार व समाज को मिलाकर ही काम करना होगा. इस महामारी की रोकथाम के लिए विज्ञान के नियमों को मानना जरूरी है और कोरोना से बचाव के लिए भीड़ से दुरी ही सबसे अहम टानिक है.

मास्क बना जीवन का अहम हिस्सा : 

बाहर निकलते समय अपना ख्याल रखना जरुरी है. तब तक कोरोना का संक्रमण बरकरार रहेगा, तब तक मास्क को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर रखना होगा. आने वाले दिनों में इन्फ्लुएंजा का संक्रमण भी होगा. इसलिए मास्क कोरोना के साथ-साथ इन्फ्लुएंजा से भी बचाए

थूक में कई घंटे तक रहता है वायरस:

हमारे देश में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत एक सामाजिक बुराई है. यहाँ काफी संख्या में लोग पान मसाला, गुटखा व तंबाकू खाते हैं. जबकि यह कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसके बिना जीवन नहीं चल सकता. इसका सेवन छोड़कर संक्रमण को कम किया जा सकता है. इससे खुद के साथ-साथ समाज का भी बचाव होगा, क्योंकि थूक में वायरस कई घंटो तक रहता है. इस वजह से दूसरों को कोरोना का संक्रमण होने का खतरा बना रहता है. धूमपान भी कतई न करें और यदि कोई धूमपान करता है तो उसे भी मना करें. वैसे भी सार्वजनिक स्थान पर धूमपान व थूकना गैरकानूनी है और इस पर जुर्माने का प्रावधान है.

जरूरी हो तो ही जाएं बाजरा:

कई लोगों को बाजार में घूमने की आदत होती है. बाजार में भीड़ अधिक होती है और शारीरिक दूरी के नियम का पालन आसान नहीं होता. बहुत जरुरी होने पर ही बाजार जाएँ. अब तो शहरों में बहुत सारी चीजें आनलाइन शापिंग का इस्तेमाल करें. अगर बाजार जाएँ तो शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल रखें.

ज्यादा घाटक नहीं है वायरस :

तमाम बचाव के उपायों को अपनाने के बावजूद यदि कोई संक्रमित हो भी जाए तो ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह वायरस बहुत ज्यादा घातक नहीं है. देश में ज्यादातर लोगों में हल्का संक्रमण देखा जा रहा है. हल्का संक्रमण होने पर घबराकर तत्काल अस्पताल जाने से बचें. यदि हल्का संक्रमण है तो पांच से सात दिन में यह बीमारी ठीक हो जाती है. इसलिए खाँसी, जुकाम है तो घर में भी परिवार के अन्य सदस्यों से दूरी बनाकर रह सकते हैं. गले में खराश है तो गुनगुने पानी से गरारे करें. इसके अलावा भाप लें. यदि हल्का बुखार है तो उसकी दवा ले सकते हैं. यदि बुखार ज्यादा हो तो अपस्ताल में भर्ती होने की जरूरत है. इस तरीके से ही महामारी से पार पाया जा सकता है.

पौष्टिक आहार है जरूरी :

खानपान में दूध, पनीर, दाल सहित अन्य पौष्टिक चीजों का सेवन संतुलित मात्रा में करें. फल व हरी सब्जियों को नियमित रूप से भोजन में शामिल करें. भोजन पौष्टिक और हल्का ही लें और अधिक खाने से बचें. व्यायाम करते रहें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ. इसके अलावा पूरी नींद लें. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनी रहेगी.

दफ्तर से आने के बाद करें स्नान :

दफ्तर से आने के बाद कई लोगों ने एक अच्छी आदत यह शुरू कर दी है कि जूते घर से बाहर निकालने के बाद सीधे नहाने जाते हैं. इसका पालन सभी लोगों को करना होगा. दफ्तर से घर पहुँचने के बाद अपने कपड़े साफ़ करें और स्नान जरूर करें. घर में कोई बुजुर्ग हो तो उनके पास जाने से बचें.

खुद को रखना होगा ध्यान :

अनलाक-1 में कुछ धार्मिक स्थल भी खुल गए हैं. लगभग ढाई माह से लोग धार्मिक स्थलों पर नहीं जा रहे थे. इस संक्रमण के बीच धार्मिक स्थल पर जाने कोई बहुत जरुरी काम नहीं है. वहाँ होने वाली भीड़ से खतरा हो सकता है. दुनिया में ऐसे कई उदाहरण मिले जब धार्मिक स्थलों पर भीड़ होने के कारण कोरोना का संक्रमण हुआ. इटली में चर्च की भीड़ से सक्रमण का मामला सामने आया था.

दूरी बनाकर रखें :

दफ्तर में भी घर की तरह साफ-सफाई होनी चाहिए. प्रतिदिन दो से तीन बार दफ्तर की सफाई जरुरी है. इसके अलावा, कर्मचारियों के हैण्ड वाश के लिए पूरी व्यवस्था होनी चाहिए कर्मचारी कम से कम दो मीटर की दूरी बनाकर रहें. व्यक्तिगत आदान-प्रदान कम होना चाहिए और एक-दूसरे से खाने का सामान कम ही साझा करना चाहिए.

तो न करें सफर :

यदि खाँसी, जुकाम व हल्का बुखार हो तो दफ्तर न जाएं. खाँसी जुकाम होने पर सार्वजनिक वाहनों में सफर भी न करें, क्योंकि इससे दूसरों को संक्रमण हो सकता है. सार्वजनिक वाहनों में सफर करते समय मास्क पहनकर रहें. कैब में चालक को भी मास्क पहनकर रहना जरूरी है. बचाव के लिए बस, रेलवे स्टेशन व सभी दफ्तरों में थर्मल स्कैनिंग की सुविधा जरुरी है.    

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