nt, festivals, yoga, benefits of foods, homemade remedies, songs, story" /> विटामिन डी I Vitanin D ~ life style health gyan

बुधवार, 27 मई 2020

विटामिन डी I Vitanin D

Manoj kumar

 
धूप से चुराएँगे नजरें तो हड्डियों की होगी उम्र कम

अब पहले की तरह बच्चें धूप में नहीं खेलते, घर के अन्य लोगों के पास भी वक्त नहीं. आज आधुनिक जीवनशैली व भगमभाग में लोग सूरज की किरणों की अनदेखी कर न जाने कितनी बीमारियों को पनपने का मौका दे दिया है. विटामिन डी की कमी इस वक्त ज्यादातर लोगों में दिख रही है. चिकित्सकों के पास ज्यादातर इस समस्या से पीड़ित लोग आ रहे हैं. खास बात यह कि अब विटामिन – डी की कमी से बच्चों में भी हड्डी की ऐसी बीमारियाँ देखी जा रही है जो पहले 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों में देखी जाती थी. आइए जानते हैं इसका कारण और समाधान.

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बच्चों को नहीं मिल रही धूप

पहले के समय में लोग छतों पर सुबह की धूप में बैठते थे. ऐसे में उनकी हड्डियाँ आज के युवाओं के मुकाबले ज्यादा मजबूत थी. लेकिन वर्तमान में बच्चों को धूप नहीं मिल रही है.

रिकेट्स और स्कर्वी रोग का खतरा

हड्डियां हमारे शरीर को आकार देती हैं, अंगों की रक्षा करतीहैं, मांसपेशियों का स्थिरण करतीहैं और कैल्शियम का संग्रहं करती हैं. नवजात बच्चों से लेकर बढ़ते बच्चों में कैल्शियम का संग्रहण करती है. नवजात बच्चों से लेकर बढ़ते बच्चों में कैल्शियम और विटामिन-डी की जरूरत अधिक होती है. इसकी कमी से बच्चों में रिकेट्स और स्कर्वी जैसे रोग हो सकते हैं. बच्चों के हाथ-पैरों में टेढ़ापन और बड़ा माथा होना विटामिन – डी कमी को दर्शाता है.

अच्छा स्रोत है सूर्य की रोशनी विटामिन – डी के लिए

सूर्य की रोशनी विटामिन – डी का सबसे बेहतर स्रोत है इसलिए बच्चों को घर से बाहर धुप में खेलने के लिए कहना चाहिए. महिलाओं में मेनोपॉज के बाद उनकी हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं. आस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी में तो हड्डियाँ उम्र के साथ मलायम होकर चिटकने लगती हैं.

ये बीमारियाँ जकड़ रही हैं

अब तो बच्चों व युवाओं को भी आस्टियोपिनिया, आस्टियोपोरोसिस, आस्तियोर्थराइटिस, सर्वाइकल स्पान्डलाटिस जैसी बीमारियाँ जकड़ रही हैं. गलत खानपान व्यायाम न करना आदि से बच्चों का विकास नहीं हो पा रहा है.

पोषक तत्व जरूरी


स्वस्थ हड्डियों के लिए कैल्शियम और विटामिन – डी के अतिरिक्त प्रोटीन, विटामिन – के, मैग्निशियम, पोटैशियम, विटामिन सी और दूसरे पोषक तत्व आवश्यक है.
60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों में जो हड्डियां की बीमारी देखी जाती थी वह अब  बच्चों को हो रही है.25 मिनट तक प्रतिदिन सुबह की धूप में गुजारें तभी हड्डियाँ होंगी मजबूत800 से 1000 यूनिट तक रोजाना शरीर में विटामिन डी की मात्रा होनी चाहिए.1000 मिलीग्राम प्रतिदिन कैल्शियम की होती है जरूरत.

बचाव क्या क्या करना चाहिए

1.    व्यायाम खासतौर पर चलना, जागिंग जितना ज्यादा करेंगे उतनी ही       हड्डियों को ताकत मिलेगी. 
2.    दूध- दही और पनीर का पर्याप्त सेवन करें. 
3.    कैल्शियम की जरूरत को हरहाल में पूरा करें, दूध का सेवन करें.         कैल्शियम की गोलियों को भी ले सकते हैं. 
4.    प्रतिदिन सुबह की धूप में गुजारें, बच्चों को भी धूप के सामने बैठाए. 
5.    नियमित धूप का सेवन करने से विटामिन डी की मात्रा बनी रहेगी.  

आस्टियोपोरोसिस का ज्यादा खतरा है :

Ø महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद या पचास साल की उम्र के ऊपर  
Ø किसी अन्य बीमारी के कारण बहुत दिनों से बिस्तर पर पड़े हुए हैं. 
Ø बहुत कम चलने और व्यायाम से दूर रहने पर. 
Ø अगर गठिया, थायरायड, खून की कमी आदि किसी भी लंबी बीमारी से    पीड़ित हैं. 
Ø स्टेरायड ज्यादा ले रहे हैं तो आपको खतरा है. 
Ø मिर्गी की दवाइयां, इम्यूनोसप्रेशन करने वाली दवाइयां (जो गठिया में      खूब लिखी जाती है.) भी हड्डियों को कमजोर करती है. 
Ø ज्यादा शराब और सिगरेट पीने से. 
Ø 60 के ऊपर के बुजुर्गों को 
Ø लोगों द्वारा सिर झुकाकर मोबाईल इस्तेमाल करना. आजकल इससे      युवाओं में तेजी से सर्वाइकल स्पान्डलाइटिस की बीमारी पनप रही है. 

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