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गुरुवार, 28 मई 2020

करें सुरक्षा लीवर की I Protect liver

Manoj kumar

करें सुरक्षा लीवर की

Protect liver, लिवर की सुरक्षा
liver
लीवर सिरोसिस से सूझ रहे मरीजों को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. बढ़ती गर्मी और कोरोना संक्रमण के चलते इन्हें दोगुना खतरा है. ऐसे पनिक होने के बजाय सावधनी बरतें..... 

मेडिकल साइंस के अनुसार एड्स के साथ जी रहे मरीजों से भी ज्यादा कमजोर होती है लीवर रोगियों की इम्युनिटी. लीवर के संक्रमित होने पर इसके मरीजों पर अन्य बीमारियों के संक्रमण का खतरा अधिक रहता है.अभी तक एक नतीजों में कोरोना संक्रमित का सहयोग और मजबूत इम्युनिटी रही है. लीवर ख़राब होने के के कई कारण हैं और उनका उपचार भी संभव है लेकिन इसकी सर्वाधिक गंभीर समस्या लीवर सिरोसिस है. जो लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें इस मौसम व कोरोना संक्रमण के दौर में खास तौर से सतर्क रहने की जरूरत है. खानपान के साथ ही कई बार लीवर के संक्रमित होने का कारण लगातार टीबी और आर्थराइटिस की दवाओं का उपयोग भी होता है. ऐसे में अगर इस तरह का उपचार चल रहा है तो लीवर की जाँच भी कराते रहें.
कई बार जब रोगी को देर से इसके संक्रमण की जानकारी होती है तो न केवल लंबे समय तक उपचार चलता है, बल्कि मरीज के साथ-साथ परिवारवालों को भी सजग रहना होता है,क्योंकि इन मरीजों में दवाएं चलने के बाद भी अधिक संक्रमण के कारण अचानक से नई-नई सम्स्याओंके लक्षण दिखते हैं. जैसे – बेहोशी, अचानक से चक्कर आना या उल्टी के साथ खून आ जाना. बेहतर रहेगा कि अगर आप लीवर की किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो कोविड-19 के संक्रमणकाल में घर से बाहर कतई न निकलें और लगातार चिकित्सक के संपर्क में रहें. हाँ, यदि सेहत को प्रभावित करने वाली नई समस्या पैदा होती है तो ही चिकित्सक की सलाह पर अस्पताल का रुख करें और कोरोना से बचने के सारे उपाय आजमाए.

लीवर से जुड़ी समस्याएं :

आमतौर पर लीवर की कई बीमारियाँ हैं, जिनकी प्रारंभिक समस्याओं में पीलिया, फैटी लीवर,लीवर में सूजन आदि हो सकती हैं लेकिन जब इन्ही छोटी-छोटी समस्याओं को नजर अंदाज किया जाता है तो हेपेटाइटिस जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है. हेपेटाइटिस-ए, बी, सी, डी, ई प्रकार होता है और उचित उपचार से यह ठीक भी जो जाता है. हेपेटाइटिस-सी लीवर का गंभीर संक्रमण है, जिसका नाम सुनते ही रोगी सदमे में आ जाता है. जबकि लंबे समय तक उपचार और चिकित्सक की देखरेख में इसके मरीज भी स्वस्थ्य हो जाते हैं. अधिसंख्य लोगों का मानना है कि लीवर सिरोसिस के शिकार वे लोग होते हैं, जो एल्कोहल का सेवन करते हैं लेकिन यह सच नहीं है. हाँ 33 फीसदी रोगियों में एल्कोहल इस बीमारी की बजह है पर कई बार उच्च रक्तचाप, मोटापा, डायबीटीज और दिल से जुड़ी बीमारियाँ भी लीवर के सामान्य रूप से काम, न करने का कारण होती हैं.

संक्रमण के प्रमुख लक्षण :

ª    शरीर का पीला पड़ना. 
ª    लगातार वजन गिरना. 
ª    भूख न लगना. 
ª    उल्टियाँ होना या जी मिचलाना. 
ª    घबराहट होना. 
ª    थकान का अनुभव या बराबर लेटे रहने की इच्छा करना. 
ª    हल्का बुखार बना रहना. 
ª    उल्टी के साथ खून आना. 
ª    अचानक बेहोश हो जाना.

इस तरह स्वस्थ रहे लीवर :

ü अधिक चिकनाई युक्त चीजों से परहेज करें. 
ü एल्कोहल, तंबाकू और धूमपान से दूर रहें. 
ü फास्टफूड का इस्तेमाल कतई न करें. 
ü शुगर का प्रयोग कम से कम करें (अगर अधिक चाय पीते हैं तो ग्रीन टी    का इस्तेमाल करें). 
ü योग, व्यायाम, मेडिटेशन आदि दिन चर्या में शामिल करें. 
ü पौष्टिक और सुपाच्य आहार लें. 
ü वजन नियंत्रित रखें. 
ü डायबीटीज, हृदय रोग या मोटापे की समस्या है तो इनके उपचार के      साथ ही लीवर की स्थिति पर भी नजर रखें. 
 

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