हम हैं अपने सच्चे मित्र! सच्चे
मित्र की पहचान II dost in hindi II मित्रता
दिवस II मित्रता दिवस
क्यों मनाया जाता है II friendship day
हर साल अन्तर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस अथवा फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाते है अगस्त के पहले रविवार को. इसे पहली बार 1958 में पराग्वे में इसे ‘अन्तर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस के रूप में मनाया गया था.
कहते हैं कि खुद से बेहतर रिश्ता हो तो हमारा हर
किसी से रिश्ता बेहतर हो सकता है. आप कहेंगे यह कोई नई बात नहीं. नई बात तब होगी
जब यह पता चले कि खुद की मुश्किलों को समझ सके और उन्हें दूर करने की पहल करने का
साहस भी हो हमारे अंदर. रिलेशनशिप एक्सपर्ट निशा खन्ना के मुताबिक ‘हर रिश्ते में
दोस्ती केन्द्रीय भाव है और यह मजबूत रहे तो रिश्ते तकरार के बाद भी दोबारा उसी
जज्बे से आगे बढ़ते हैं. पर दोस्ती के लिए जरूरी है कि आप पहले खुद के साथ कंफर्ट
महसूस करें. हाँ, यह बहुत अच्छी बात है कि आपका सपोर्ट सिस्टम बेहतरीन है. आपके
इर्द-गिर्द बहुत लोग हैं जो मदद के लिए कभी भी आ सकते हैं पर यदि नहीं आ सके तो?
और इन दिनों एक अलग किस्म को मजबूती भी तो है, जब हर किसी को शारीरिक दूरी का पालन
करना है. याद रहे पहले अपना मास्क पहनना है तभी किसी और से इसकी अपेक्षा रखनी है.
कैसे बनें अपने सबसे अच्छे दोस्त :
1. आपको किसी दोस्त की तरह ही खुद से भी अच्छा बर्ताव करना है. ज्यादा आलोचना या खुद को कोसना नहीं है. अपने अच्छे गुणों, प्रतिभा और क्षमताओं को सराहें और अपने ‘अद्वितीय’ व्यक्तित्व को बताएं कि आप उसके साथ मजबूत से खड़े हैं.
2. कल्पना करें कि आप कैसे अपने दोस्त की किसी मुश्किल स्थिति में मदद कर सकते हैं. वे कैसे संघर्ष कर रहे हैं और किसी समस्या में फंसकर वे असहाय महसूस कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें आप सबसे बेहतर सलाह क्या देंगे/ उन शब्दों को अपने सबसे अच्छे दोस्त यानी अपने आप से कहकर देखें. आप खुद में बदलाव महसूस करेंगे.
3. अपनी जरूरतों का सम्मान करें, जैसे – एक दिन की छुट्टी में आप क्या करना चाहते हैं? जल्दी सोना चाहते हैं, एक रात पूरा जगकर बस पसंदीदा किताब पढ़ती है, कोई फिल्म देखनी है या उस दिन बस सफाई करनी है, अपना पसंदीदा व्यंजन बनाना है या खुद को सजाना और संवारना है, आईने में निहारना है. खुद से बातें करनी है?
4. यदि आप नकारत्मक विचारों के साथ संघर्ष कर रहे हैं तो यह आपकी च्वाइस है कि आप उस पर ध्यान दें या उसे छोड़ दें. मेडिटेशन आपकी मदद करेगा. फिर इन विचारों से धीरे-धीरे पीछा छुड़ा पाएँगे पर यह आपकी प्रतिबद्धता और संकल्प शक्ति पर निर्भर करेगा.
5. आप उदास हैं और कोई कहे कि आपको उदासी छोड़कर काम पर लगना चाहिए तो आप क्या करते हैं? कि इसके लिए खुद पर दबाव बनाते हैं? यदि हाँ, तो याद रखें, उदासी की एक्सपायरी डेट नहीं होती. यह समय के साथ अपने आप कम होती जाती है. याद रहे, यहाँ हर किसी की सोच अलग है और उसी अनुसार सलाह देते हैं लोग. आप बस खुद को स्वीकारें और मन की बागडोर थामे रहें. केवल आप ही हैं जो खुद को बेहतर जान सकते हैं और बन सकते हैं अपने सच्चे दोस्त.
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